Monday, October 17, 2022

Chet Chet Nar chet - चेत चेत नर चेत

src: https://www.youtube.com/watch?v=zF6h4uIBhwY&ab_channel=Dr.AbhishekMShah 

https://docs.google.com/document/d/1kn10rnHeg9YUnpCta8zP-44QUpma7oBlB3QkSHi5lLY/edit 


पर लोक सुख पामवा, कर सारो संकेत, हाजी बाज़ी हाथ मा, 

चेत चेत नर चेत


ज़ोर करी ने जीत हूं, खरे खरु रण खेल 

दुश्मन छे तुझ देह मा 

चेत चेत नर चेत


ग़फ़िल रहीश ग़मार तू, फ़ौकत थाई श पजेशो

हवें ज़रूर होशियार थाई

चेत चेत नर चेत


तन धन दे थारा नथी, नथी प्रिया पर ने

पाछड़ सहु रहे से पड्या 

चेत चेत नर चेत


प्राण जशे ज्या पिंड थी, पिंड धना छे  प्रेत 

माटी मा माटी तशे

चेत चेत नर चेत


रहया राणा, राजिया, सुरनर मुनि समेत

तू तो तरना तुल्य छो 

चेत चेत नर चेत



रजकरण थारा रखाड छे, जेम रखड ती रेत 

पछी नर तार पामि शक्या 

चेत चेत नर चेत



काड़ा केश मटी गया, सर्वे बनिया श्वेत 

जोवंत जोर जतु रह्यु

चेत चेत नर चेत



माटे मन मा समझिने, विचारिने  भर्वे

क्या ती  आव्यो क्या जहू

चेत चेत नर चेत



शुभ सिख मन समझीने, प्रभु साथे कर हे 

अंत अविचल ऐज छे 

चेत चेत नर चेत

अंत अविचल प्रभुज छे 

चेत चेत नर चेत

अंत अविचल वीर छे 

चेत चेत नर चेत